Translate From Hindi To English
साहित्य कला, नृत्य, गीत, आमोद-प्रमोद अनेक रूपों में राष्ट्रीय जन अपने अपने मानसिक भावों को प्रकट करते हैं आत्मा का जो विश्वव्यापी आनंद भाव है यह इन विविध रूपों में साकार होता है यद्यपि बाह्य रूप की दृष्टि से संस्कृति के यह बाहरी लक्षण अनेक दिखाई पड़ते हैं किंतु आंतरिक आनंद की दृष्टि से उनमें एकसूत्रता है जो व्यक्ति सदृश्य है वह प्रत्येक संस्कृति के आनंद पक्षकार पक्ष को स्वीकार करता है और उससे उससे आनंदित होता है इस प्रकार की उधार भावना ही जीवन जनों से बने हुए राष्ट्र के लिए स्वास्थ्य पर है
Comments (0)